आओ बच्चो तुम्हे दिखाये झाकी हिन्दुस्थान की
इस मिट्टि से तिलक करो यह धरती है बलिदान की॥धृ॥
वन्दे मातरम् वन्दे मातरम्
ये है मुल्क मराठों का यहा शिवाजी डोला था
मुघलों की ताकत को इसने तलवारों पे तोला था
हर पर्बत पर आग लगी थी हर पर्बत एक शोला था
बोली हर हर महदेव की बच्चा बच्चा बोला था
शेर शिवजी ने रख्खी थी लाज हमारे शान की॥१॥
वन्दे मातरम् वन्दे मातरम्
जलियावाला बाग ये देखो यही चली थी गोलिया
ये मत पूछो किसने खेलि यहा खून की होलिया
एक तरफ़ बन्दूके दन दन एक तरफ़ थी गोलिया
मरनेवाले बोल रहे थे इन्क़लाब की बोलिया
यहा लगा दी बेहनोने भी बाज़ी अपनी जान की॥२॥
वन्दे मातरम् वन्दे मातरम्
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